बुनियाद

From Indian Libertarians Wiki

1. आप अपने शरीर के मालिक हैं।

(सिर्फ आप और एकमात्र आप ही हैं| अगर कोई और आपके शरीर का आपसे बेहतर नियंत्रक होने का दावा करता है, तो आप स्वतंत्र नहीं गुलाम माने जाएंगे|)


2. आपका शारीरिक श्रम आपका अपना है|

(श्रम बस अपने खुद के शरीर का प्रयोग है| अगर आपका श्रम किसी दूसरा व्यक्ति का हुआ, तो आपका शरीर भी किसी दूसरे व्यक्ति का माना जाएगा| #1. से स्पष्ट है|)


3. आपकी संपत्ति अपनी खुद की है|

(संपत्ति बस खुद के श्रम की उत्पत्ति है| किसी की संपत्ति उससे छीनना, उसके श्रम को उससे छीनना ही होगा| #2. से स्पष्ट है|)


4.

एकमात्र मालिक होने के कारण- कब, क्यों, कहाँ और किस प्रकार अपने शरीर, श्रम और संपत्ति का प्रयोग करना है, इसका निर्णय आपका स्वयं का ही है|

(मालिक का अधिकार| अगर कोई और आपका निर्णय पलट सकेगा, तो मालिक आप नहीं हुए|)


5.

मालिक के रूप में आप अपने श्रम और संपत्ति का और लोगों से आदान प्रदान कर सकते हैं अपनी और उनकी दोनों की मर्जी से|

(#4. का ही दूसरा नज़रिया है|)




6.

आपके शरीर, श्रम या संपत्ति को नियंत्रित करने या आपसे छीनने की कोशिश करने के लिए किसी का भी आपके खिलाफ हिंसा करना अनैतिक होगा।

(वे आपके मालिक नहीं हैं; आप खुद हैं।)

7.

आप पर इस तरह की हिंसा अगर "कोई-भी" शुरू कर रहा हो, और ऐसे में अगर आप उसका बलपूर्वक विरोध करें तो वह पूरी तरह नैतिक होगा।

(बचाव आपका अधिकार है, मालिक आप हैं|)

8.

यहाँ "कोई-भी" में सब शामिल है:- कोई भी शासक वर्ग या उसके नियुक्त, सलाहकार, कृपा-पात्र, "क़ानूनी अधिकारी", नौकरशाह, विशेषज्ञ, हथियार-धारी दल, ठग इत्यादि।

("शासक" बाकी लोगों की तरह मानव हैं और इसलिए मानव नैतिकता उन पर लागू होती है।)

9.

शासक वर्ग से संबंधित कुछ भी उसको आपके शरीर, श्रम या संपत्ति को छीनने का अधिकार नहीं देता है:

A. शासक वर्ग के चयन की प्रक्रिया कुछ भी रही हो (झील की रानी, रक्त-रेखा, ज्वालामुखी-भगवान, पादरी का आशीर्वाद, चट्टान में छिपी तलवार, या फिर चुनाव)

B. हिंसा के कितने भी चरणों से वह आपको धमकाए (चेतावनी पत्र, जुर्माने, सशस्त्र लोगों का देर रात आपके घर आना, आपका ख़ाता जब्ती, गिरफ़्तारी, संपत्ति जब्ती, जेल, मारपीट, प्रताड़ना-यातना, अपाहिज करना, और अंततः, हत्या) ।

«in progress» C.

D.

E.

F.